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-भारत में तलाक के आधार /Grounds of Divorce in India in Muslim/Grounds of Divorce in India in Christian

Grounds of Divorce in India -भारत में तलाक का आधार

#1
(Grounds of Divorce in India) 

How to file divorce in India, 

how to start divorce process in India के बारे में |

                                     भारत में तलाक लेने के लिए कानूनी रूप से कोण कोण से आधार बताये गए है उन सभी के बारे में जानेंगे | सिर्फ हिन्दू मैरिज एक्ट में ही नहीं बल्कि मुस्लिम , पारसी , और क्रिस्चन मैरिजेस में भी तलाक के किन किन अधरों को बताया गया है उन सभी को जानेंगे|



                    विवादित तलाक के मामले में, दोनों पक्षों में से कोई भी तलाक के लिए मुकदमा दायर कर सकता है, लेकिन केवल तलाक के लिए कुछ विशिष्ट आधारों पर सकता है। तलाक के लिए याचिका दायर करते समय याचिकाकर्ता को अपने इस निर्णय के पीछे कारण बताना होगा। कानून द्वारा बताये गए विभिन्न आधार हैं जो तलाक के लिए एक आधार के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं जो हिंदू, ईसाई, मुस्लिम और पारसी के मामले में थोड़े अलग अलग हैं।
#2

हिन्दू धर्म में तलाक के आधार क्या है 

(Grounds of Divorce in India in Hindu marriage Act)

अडल्ट्री Adultery  यानि की व्यभिचार व्यभिचार का मतलब यहाँ होता है जब को शादीशुदा होते हुए किसी दूसरी महिला साथ शारीरिक सम्बन्ध बनता है या इसी तरह के रिश्ते रखता है | पहले व्यभिचार को अपराध मन जाता था | परन्तु कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट के एक अहम् फैसले के अनुसार इसे अपराध केटेगरी से हटा दिया गया है | परन्तु व्यभिचार को अभी भी तलाक के लिए आधार माना गया है पर तलाक लिया जा सकता है |

#3

क्रूरता  Crueltyएक जीवनसाथी को तलाक का मामला तब दायर कर सकता है, जब उसे किसी भी तरह की मानसिक और शारीरिक चोट पहुचायी जाती हो, जिससे उसके जीवन, उसके किसी अंग और स्वास्थ्य को खतरा हो। लेकिन क्रूरता की घटनाओं की एक श्रृंखला होनी चाहिए, यानि की क्रूरता लगतार होनी चाहिए । इसके कुछ उदाहरणों जैसे कि भोजन से वंचित होना, लगातार प्रताड़ित व्यवहार और दहेज प्राप्त करने के लिए गालियाँ देना, ये साडी बाटे क्रूरता के तहत आती हैं।

#4

निर्जनता Desertion – जहाँ पति-पत्नी में से कोई एक स्वेच्छा से अपने साथी को कम से कम दो वर्षों के लिए छोड़ देता है, इस आधार पर पति-पत्नी जिसे भी दो सालो के लिए छोड़ा गया है तलाक का मुकदमा दायर कर सकते हैं।

#5

रूपांतरण Conversion जहाँ दोनों में से कोई भी स्वयं को दूसरे धर्म में परिवर्तित करता है, तो दूसरा जीवनसाथी पति / पत्नी इस आधार पर तलाक का मामला दायर कर सकते हैं। और आसानी से तलाक ले सकते है |

#6

मानसिक विकार Mental Disorder मानसिक विकार तलाक दायर करने के लिए एक आधार बन सकता है यदि याचिकाकर्ता का पति असाध्य मानसिक विकार या पागलपन से पीड़ित है तो इस जोड़े का साथ रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, इसीलिए इस आधार पर तलाक लिया जा सकता है |

#7

कुष्ठ रोग Leprosy  कुष्ठ (गंभीर और हानिकारक) और लाइलाज बीमारी है | इसलिए ‘असाध्य’ के रूप में कुष्ठ रोग के मामले में, इस आधार पर पति या पत्नी द्वारा तलाक की याचिका दायर की जा सकती है।

#8

वैनेरल डिजीज Venereal Disease  – अगर पति-पत्नी में से कोई एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है, जो आसानी से संचार करने योग्य यानि की एक से दूसरे को हो सकती है, तो ऐसे में पति या पत्नी जिसे भी ये बीमारी नहीं है, द्वारा तलाक दाखिल किया जा सकता है। इस तरह की बीमारियों के उदहारण जैसे एड्स जैसी यौन संचारित बीमारिया।

#9

त्याग Renunciation – पति या पत्नी तलाक के लिए मुकदमा दायर करने का हकदार है यदि दूसरा यानि की दोनों में से किसी ने धार्मिक आदेश (साधु संत ) को स्वीकार करके सभी सांसारिक मामलों का त्याग कर दिया है।

#10

नॉट हर्ड अलाइव Not Heard Alive– यदि किसी व्यक्ति को सात वर्षों की निरंतर अवधि के लिए लापता होता है या फिर जीवित नहीं जान पड़ता है, तो व्यक्ति को कानून की नजरो में मृत मान लिया जाता है। तो दूसरा जीवनसाथी यदि वह पुनर्विवाह में रुचि रखता है, तो दूसरे लापता पति या पत्नी से तलाक सकता है।

#11

सह-आवास की बहाली नहीं No Resumption of Co-habitation– 

 यदि अदालत द्वारा अलगाव का फैसला सुनाए जाने के बाद दोनों अपने सह-निवास को फिर से शुरू करने में विफल रहता है। तो इस आधार पर तलाक लिया जा सकता है |

लेकिन जहां याचिकाकर्ता पत्नी है, वहां तलाक के लिए कुछ अतिरिक्त शर्तें दी गई हैं:- Where the petitioner is the wife, certain additions are given in the grounds for divorce


 

बलात्कार, Sodomy, Bestiality – अगर पति ने बलात्कार, श्रेष्ठता और सोडोमी में लिप्त किया है।

#12

पुनर्विवाह Bigamy – यदि विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हुआ है और पहली पत्नी के जीवित होने के बावजूद या फिर पहली पत्नी से बिना तलाक लिए, पति ने दूसरी शादी कर ली है, तो पहली पत्नी तलाक मांग सकती है।

#13

लघु विवाह Minor Marriage – जहाँ पत्नी का विवाह पंद्रह वर्ष की आयु से पहले हुआ हो और अठारह वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले विवाह को समाप्त करने का फैसला ले लिया हो।

#14

कोई सहवास नहीं – यदि एक वर्ष के लिए दोनों केक बीच कोई सहवास नहीं होता | और पति अदालत द्वारा पत्नी को दिए गए रखरखाव के निर्णय की उपेक्षा करता है, तो पत्नी तलाक के लिए अर्जी दायर कर सकती है।

#15

मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम, 1939 के विघटन की निम्नलिखित आधार दिए गए है जिनके आधार पर तलाक मांग सकती है।- 

 Grounds of Divorce in India in Muslim

 

अज्ञात स्थान पर चले जाना – जहां पति के ठिकाने चार साल की अवधि के लिए पता न हो हैं। इस कंडीशन में पत्नी अपने पति से तलाक ले सकती है |

#16

कोई रखरखाव नहीं देना – जहां पति कम से कम दो साल के लिए पत्नी को रखरखाव प्रदान करने में विफल रहा है। इस कंडीशन में पत्नी अपने पति से तलाक ले सकती है |

#17

कारावास – जहां पति को सात या अधिक वर्षों के कारावास की सजा हुई है। इस कंडीशन में पत्नी अपने पति से तलाक ले सकती है |

वैवाहिक दायित्व – जहां पति वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ है। इस कंडीशन में पत्नी अपने पति से तलाक ले सकती है |

#18

लघु विवाह – जहां लड़की की शादी पंद्रह साल की उम्र से पहले हो जाती है और वह अठारह वर्ष की होने से पहले संबंध खत्म करने का फैसला करती है।

क्रूरता – जहां पति क्रूरता के कार्य करता है। क्रूरता के बारे में मेने आपको ऊपर ही बता दिया है की क्रूरता क्या होती है |

#19

जब याचिकाकर्ता एक ईसाई हो, तो भारतीय तलाक अधिनियम, 1869 के तहत तलाक के आधार का उल्लेखित किये गए है।- 


Grounds of Divorce in India in Christian

व्यभिचार– इसके बारे में मैंने आपको ऊपर बताया है

दूसरे धर्म में रूपांतरण।

तलाक के दाखिल होने से पहले कम से कम दो साल तक मानसिक रूप से बीमार होना, या कुष्ठ रोग या संचारी रोग से पीड़ित होना | ऐसी हालत में दूसरा जीवन साथी है |

#20

सात या अधिक वर्षों की अवधि के लिए जीवित नहीं देखा या सुना जाना।

संवैधानिक अधिकारों की बहाली – कम से कम दो वर्षों के लिए संवैधानिक अधिकारों (एक साथ रहने का अधिकार) की बहाली करने में विफलता।

#21

क्रूरता – क्रूरता करना और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना जो स्वास्थ्य और जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है।

इन आधारों के अतिरिक्त, पत्नी बलात्कार, सोडोमी और श्रेष्ठता के आधार पर तलाक दायर कर सकती है।

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