How to Challenge A Will – 7 आधार जब आप वसीयत को चुनौती दे सकते हैं
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ऐसे 7 आधार जिसके जरिये आप कोर्ट में वसीयत को चैलेंज कर सकते है |
किसी भी प्रॉपर्टी के निष्पादन के लिए उसकी वसीयत
करके अपनी प्रॉपर्टी का निपटारा आसानी से किये जा सकता है | भारतीय कानून वसीयत बनाने के नियम की बात करता है साथ में ये भी बताता है की वसीयत को कौन कर सकता है कौन नहीं | अगर वसीयत बनाते समय उन सभी शर्तो और नियमो का ख्याल न रखा जाये तो उस वसीयत को किसी भी समय कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है | देखा गया है की एक वसीयत को चुनौती देना बहुत मुश्किल है। 90 प्रतिशत वसीयतें तो बिना चुनौती के ही मौजूद हैं। इन्हें कोर्ट में चैलेंज ही नहीं किया जाता । लेकिन ऐसा नहीं है की आप कोर्ट में वसीयत को चुनौती नहीं दे सकते हैं। अगर आप कोर्ट में वसीयत को चैलेंज करते है और सही साबित हुए तो वसीयत का कुछ हिस्सा या पूरा अमान्य करार कर दिया जाएगा।
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मैं आपको वो 7 आधार बता रही हु,
जिनके तहत आप वसीयत को चुनौती दे सकते हैं। :- How to Challenge A Will
1. वसीयत का सही निष्पादन न होना :-
How to Challenge A Will
सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए की एक वैध वसीयत लिखित में होनी चाहिए । उस पर दो गवाहों की मौजूदगी में वसीयतकर्ता के दस्तखत होने चाहिए। गवाहों को भी वसीयत अटेस्ट करनी होती है बाकायदा उस पर के हस्ताक्षर होने चाहिए । अगर इस प्रक्रिया के तहत वसीयत काम नहीं हुआ या यही बनायीं गयी है, तो कोर्ट में इस वसीयत को चुनौती दी जा सकती है।
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2 . बिना इच्छा बनाई गई वसीयत:-
जब भी आप इस पॉइंट की बात करते है तो यहां आपको साबित करना होगा कि वसीयतकर्ता का विल बनाने का इरादा नहीं था। वसीयत जबरदस्ती या किसी दबाव में बनायीं गयी है | यह अर्जी बहुत कम लगाई जाती है, क्योंकि इसे साबित करना बहुत मुश्किल है। पर किसी भी वसीयत को जब भी आप चुनौती देना चाहते है तो यह एक आधार बन सकता है ।
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3 . वसीयतनामा क्षमता का अभाव:-
भारतीय कानून के मुताबिक 18 साल से बड़े लोग ही वसीयत बना सकते हैं। माना जाता है कि व्यस्कों में वसीयत करने की क्षमता होती है। उनमे सोचने समझने की अच्छी समझ होती है | अगर आप वसीयत को चुनौती देना चाहते है तो इसे बुढ़ापे या पागलपन के आधार पर चुनौती दी जा सकती है कह सकते है की वसीयतकर्ता किसी पदार्थ के नशे में था अथवा उसमें वसीयत बनाने की मानसिक क्षमता नहीं थी। असल में मानसिक क्षमता के आधार पर वसीयत को चुनौती देने पर आपको यह दिखाना होगा कि वसीयत बनाने वाले को इसके नतीजों के बारे में मालूम नहीं था।
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4 . ज्ञान की कमी या मंजूरी:-
यहां आप कोर्ट में यह बात रख सकते हैं कि जब वसीयतकर्ता ने दस्तावेजों पर दस्तखत किए तब उन्हें यह मालूम नहीं था कि इसमें है क्या। और अनजाने में वसीयतकर्ता ने वसीयत पर सिग्नेचर किया है |
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5 . किसी के प्रभाव में:-
How to Challenge A Will
आप वसीयत को इस आधार पर भी चुनौती दे सकते हैं कि वह धोखाधड़ी, जालसाजी या किसी के प्रभाव में आकर बनवाई गई है। ऐसा तब होता है, जब कोई शख्स खुद प्रॉपर्टी में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा पाने के लिए वसीयतकर्ता को प्रभावित कर रहा हो।
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6 . धोखाधड़ी या जालसाजी:-
आप
कोर्ट में जब भी वसीयत को चुनौती इस आधार पर देते है की वसीयत धोखे या
जालसाजी से बनवाई गई है, इसके लिए सबूत जुटाने का जिम्मा आपके ही हाथ में
होगा। इसके लिए आपके पास पुखक्ता सबूत होने चाहिए ।
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आप कोर्ट में जब भी वसीयत को चुनौती इस आधार पर देते है की वसीयत धोखे या जालसाजी से बनवाई गई है, इसके लिए सबूत जुटाने का जिम्मा आपके ही हाथ में होगा। इसके लिए आपके पास पुखक्ता सबूत होने चाहिए ।
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7 . निरसन: (Revocation) परिवार द्वारा दावा:-
अगर
फॅमिली मेंबर्स को वसीयत में पर्याप्त हिस्सा नहीं मिला है तो परिवार के
सदस्य इस बात पर भी दस्तावेज या वसीयत को चुनौती दे सकते हैं। कानून के
मुताबिक परिवार का मुखिया ही अन्य सदस्यों की अच्छी तरह देखभाल के लिए
जिम्मेदार है, जैसा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में लिखा है। अगर वसीयत
में इन लोगों के लिए उचित प्रावधान न किए गए हों या आश्रय के कानून के तहत
उन्हें हक न मिला हो तो वह फैमिली कोर्ट या हाई कोर्ट में दावा ठोक सकते
हैं। और वसीयत दे सकते है |
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अगर फॅमिली मेंबर्स को वसीयत में पर्याप्त हिस्सा नहीं मिला है तो परिवार के सदस्य इस बात पर भी दस्तावेज या वसीयत को चुनौती दे सकते हैं। कानून के मुताबिक परिवार का मुखिया ही अन्य सदस्यों की अच्छी तरह देखभाल के लिए जिम्मेदार है, जैसा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में लिखा है। अगर वसीयत में इन लोगों के लिए उचित प्रावधान न किए गए हों या आश्रय के कानून के तहत उन्हें हक न मिला हो तो वह फैमिली कोर्ट या हाई कोर्ट में दावा ठोक सकते हैं। और वसीयत दे सकते है |
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