पैतृक संपत्ति प्राप्त करने की प्रक्रिया
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आमतौर पर पैतृक संपत्ति के बंटवारे की बात उस संपत्ति के वर्तमान मालिक की मृत्यु के बाद ही की जाती है, क्योंकि पैतृक संपत्ति के मालिक की मृत्यु के बाद ही उस संपत्ति के नए मालिक बनाने की बात सामने आती है।
सम्पति के नए मालिक बनाने के लिए कई तरीके हैं, जैसे कि संपत्ति के वर्तमान मालिक जिसकी मृत्यु हो चुकी है, उसकी वसीयत के आधार पर नए मालिक का चुनाव हो सकता है, अगर कोई वसीयत नहीं की गयी है, तो उसके पुत्र या उसके उत्तराधिकारी के नाम पर वह पैतृक संपत्ति हस्तांतरित हो जाती है।
#2 पैतृक संपत्ति को अपने नाम पर हस्तांतरित करवाने के लिए एक व्यक्ति को उस संपत्ति के क्षेत्राधिकार वाले सिविल न्यायालय में उत्तराधिकार प्रमाणपत्र के लिए एक आवेदन दर्ज करना होगा। यदि एक व्यक्ति उस पैतृक संपत्ति को अपने नाम पर हस्तांतरित करने कि सभी शर्तों को पूर्ण करता है, तो ही केवल वह उस संपत्ति को प्राप्त करने के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकता है।
#1 न्यायालय द्वारा उन सभी लोगों से उस संपत्ति को हस्तांतरित करने के लिए किसी प्रकार की आपत्ति न होने के लिए पूछा जाता है, जो किसी भी प्रकार से उस संपत्ति से जुड़े हैं, या जिनका उस संपत्ति में बराबर का हिस्सा है। यदि उनमें से किसी भी व्यक्ति को कोई आपत्ति होती है, तो न्यायालय संपत्ति के हस्तांतरण के आवेदन को निरस्त कर सकता है।
#3 यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति नहीं होती है, तो न्यायालय उस व्यक्ति को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी कर देगी, जिससे की वह संपत्ति उस नए मालिक के नाम पर हस्तांतरित हो जाएगी। आवेदन करने के लिए मृतक मालिक के मृत्यु प्रमाण पत्र का होना बहुत ही आवश्यक है, तथा आपको आवेदन के लिए दिए जाने वाले उचित शुल्क का भी भुगतान करना होगा।
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3)पति-पत्नी को पहले ही बतानी होगी कमाई, गुजारा भत्ता और एलिमनी पर सुप्रीम कोर्ट ने तय कीं गाइडलाइंस
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