सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

About us


HELLO  FRIENDS, 

ABOUT  US-------


KRK LAW  is a highly qualified Indian advocates, 
Indian attorneys and Indian legal advisers for all kinds 
of legal services. We have an in-house team of civil, 
criminal  & matrimonial lawyers for seamless legal 
services in all the fields of law under one roof at all levels 
with a wide network.
We provide solutions to all multi-jurisdictional legal 
problems through our highly qualified and experienced 
team. Simple and easy solutions to complex legal problems 
with consistency and quality of services are our main 
objective which we have been providing to several 
individuals, groups, business houses, industrial
 houses, commercial establishments, corporations, 
multinationals etc.
Our motto is to ensure foolproof litigation and legal 
services by a proactive strategy with effective follow-up 
for quick and favourable decisions. Our team consists 
of highly qualified, dedicated, specialized Indian legal 
brains who are in a position to provide better, quick, 
effective legal services at all levels. The strongest factor 
about KRK LAW  is cross-linkages at all levels 
of legal practice.
Our Mission--------
To provide a foolproof legal solution to all 
multi-jurisdictional legal problems through our 
proactive strategy. We thrive to provide quick, 
effective and workable legal solutions at very 
affordable prices. Complete satisfaction of 
the client is our main motto which we 
achieve through the hard work with consistency 
in the matters assigned to us by the clients.

CONTACT--

khanwekishori@gmail.com
Youtube Channel--krk law & knowledge, Channel

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 8 और 12 के तहत हिंदू पुरुष की मृत्यु के बाद संपत्ति विभाजित की जाएगी

 हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 8 और 12 के तहत हिंदू   पुरुष की मृत्यु के बाद संपत्ति       विभाजित  की जाएगी   हिंदू कानून के तहत                   हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 8 और 9 हिंदू  पुरुष  की मृत्यु के बाद संपत्ति के वितरण को नियंत्रित करती है। एक हिंदू पुरुष बिना वसीयत मरने पर संपत्ति कक्षा 1 के उत्तराधिकारी को जाती है जो अन्य सभी उत्तराधिकारियों के अपवाद के बाद संपत्ति ले लेता है। और यदि कक्षा 1 नहीं तो कक्षा 2 वारिस को जाती है। उदाहरण के लिए, यदि पिता अपनी पत्नी और चार बेटों के पीछे छोड़कर मर जाता है, तो प्रत्येक व्यक्ति अपनी संपत्ति के बराबर हिस्से का वारिस होगा, यानी प्रत्येक को पिता की संपत्ति का पाँचवां हिस्सा मिलेगा। @1 धारा-8. पुरुष की दशा में उत्तराधिकार के साधारण नियम -  निर्वसीयत मरने वाले हिन्दू पुरुष की सम्पत्ति इस अध्याय के उपबन्धों के अनुसार निम्नलिखित को न्यागत होगी :- (क) प्रथमतः उन ...

भारत में तलाक की डिक्री कब और कैसे मिलती है

 How to Get Decree of Divorce              in India  भारत में तलाक की डिक्री कब और कैसे मिलती है #1                 विवाह विच्छेद के लिए तलाक की डिक्री (Decree of Divorce) प्राप्त करने के लिए विवाह के पश्चात न्यायालय में कब याचिका पेश की जाती है? क्या निर्धारित समय के पहले भी ऐसी याचिका पेश की जा सकती है ? इन्ही सब सवालो के जवाब मिलेंगे।                 हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 14 (Hindu Marriage Act 1976) के अनुसार विवाह की तिथि से 1 वर्ष के भीतर विवाह विच्छेद यानि की तलाक ये डाइवोर्स के लिए कोई याचिका प्रस्तुत नहीं की जा सकती है। पहले में यह अवधि 3 वर्ष की थी। परंतु 1976 में लाए गए संशोधन के अनुसार इस अवधि को 1 वर्ष कर दिया गया है।     #2      क्या निर्धारित समय के पहले भी ऐसी याचिका तलाक (Decree of Divorce) के लिए पेश की जा सकती हैं ?  ...

कानूनी धारा लिस्ट इन हिंदी 2021 – IPC Dhara in Hindi, IPC in Hindi

#2  IPC  धारा लिस्ट इन हिंदी IPC SECTIONS LIST in Hindi,  IPC in Hindi अध्याय 1 भारतीय दण्ड संहिता  INDIAN PENAL CODE 1860 👉 आईपीसी, 1860 (भारतीय दंड संहिता)  List Of Sections 👉अध्याय 1 धारा 1 - संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार धारा 2 - भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड।   धारा 3 - भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड। धारा 4 - राज्यक्षेत्रातीत / अपर देशीय अपराधों पर संहिता का विस्तार। धारा 5 - कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना। 👉अध्याय  2 धारा 6 - संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना। धारा 7 - एक बार स्पष्टीकॄत वाक्यांश का अभिप्राय। धारा 8 - लिंग धारा 9 - वचन धारा 10 - पुरुष। स्त्री। धारा 11 - व्यक्ति धारा 12 - जनता / जन सामान्य धारा 13 - क्वीन की परिभाषा धारा 14 - सरकार का सेवक। धारा 15 - ब्रिटिश इण्डिया की परिभाषा धारा 16 - गवर्नमेंट आफ इण्डिया की परिभाषा धारा 17 - सरकार। धारा 18 - भारत धारा 19 - न्यायाधीश। धारा 20 - न्यायालय धारा 21 - ल...