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मृत्यु के बाद किराएदार के परिवार को मिलेगा संपत्ति पर अधिकार : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला.

मृत्यु के बाद किराएदार के परिवार को मिलेगा संपत्ति पर अधिकार   : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला . #1               सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृतक किराएदार के परिजनों से सबलेटिंग की दलील पर मकान खाली नहीं करवाया जा सकता है.           सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court)   ने एक अहम फैसले में कहा है कि किराएदार की मौत के बाद उसके परिवार को उसी किराएदारी के तहत संपत्ति में बने रहने का हक है. ये सबलेटिंग यानी उपकिराएदारी और किराएदार द्वारा उस संपत्ति को किसी तीसरे को किराए पर चढ़ा देना नहीं है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृतक किराएदार के परिजनों से सबलेटिंग की दलील पर मकान खाली नहीं करवाया जा सकता है.          बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ये व्यवस्था देते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें हाई कोर्ट ने एक किराएदार के परिवार को उपकिराएदार मानकर यूपी शहरी भवन (किराएदारी ,  किराया और खाली करने के विनियमन) एक्ट , 197...

निःशुल्क कानूनी सहायता-

निःशुल्क कानूनी सहायता - विधिक सेवाएँ प्राधिकरण अधिनियम ,1987   #1 के अंतर्गत सभी   प्रकार के दीवानी और फौजदारी  मुकदमों के लिए दी जाने   वाली सलाह एवं सहायता निःशुल्क कानूनी सहायता कहलाती   है।   कानूनी सलाह सभी स्तर के व्यक्ति प्राप्त कर  सकतें हैं और   विधिक सेवाएँं प्राधिकरण अधिनियम    के अनुसार योग्य   व्यक्ति   ही मुफ्त कानूनी सहायता सेवाएं प्राप्त कर सकतें हैं   विधिक सेवाएँ ं प्राधिकरण अधिनियम    के अनुसार   निम्नलिखित योग्य व्यक्ति ही मुफ्त कानूनी सहायता सेवाएँ     प्राप्त कर सकतें हैं   – #2 ए)अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य। बी)मानव व्यापार या बेगार का शिकार व्यक्ति। सी)स्त्री   या बालक। डी)शारीरिक या मानसिक रुप से अस्वस्थ व्यक्ति। ई)विनाशकारी प्राकृतिक आपदा ,  साम्प्रदायिक दंगे ,  जातीय     अत्याचार ,  बाढ़ ,  सूखा ,  भूकंप ,  या औद्योगिक  संकट से प्रभावित   व्यक्त...