सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विधवा महिला का विरासत के संपत्ति में अधिकार

  विधवा महिला का विरासत के Property  में अधिकार @1                   विधवाओं के संदर्भ में भारतीय समाज विकसित हो रहा है। पहले के समय में, उन्हें विशेष रूप से संपत्ति विरासत के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में भेदभाव के अधीन किया गया था, जबकि उन्हें वास्तव में जीवन की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए भावनात्मक और वित्तीय सहायता की ज़रूरत थी।   @2              कुछ साल पहले, बॉम्बे हाईकोर्ट (एचसी) ने एक मामला सुना जहां एक मृत व्यक्ति के भाई ने विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 की धारा 2 का हवाला दिया और जोर देकर कहा कि उसकी बहू जिसने पुनर्विवाह किया था उसे विरासत में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए अपने पूर्व पति की संपत्ति।    @3                 हालांकि, अदालत ने फैसला सुनाया कि एक विधवा के पास अपने पूर्व पति की संपत्तियों पर अधिकार हैं, भले ही उसने दोबारा शादी की हो, क्योंकि वह कक्षा 1 उत्तराधिकारी के रूप में अर्हता प्राप्त करेगी, जबकि पति के रिश्...

माता-पिता के कानूनी अधिकार /क्या माता-पिता बेटे को अपने घर से निकाल सकते हैं?

  माता-पिता के कानूनी अधिकार क्या माता-पिता बेटे को अपने  घर से निकाल सकते हैं?   @1                          माता-पिता की हर चीज हमें अपनी लगती है. हमारी परवरिश ही इस तरह से होती है. लेकिन, कभी-कभार बच्चों और माता-पिता के रिश्ते में खटास हर सीमा लांघ जाती है. इसके कुछ कारण हो सकते हैं. क्या उस स्थिति में माता-पिता बच्चों को घर से निकलने के लिए कह सकते हैं? आइए, यहां इस सवाल का जवाब जानते हैं. @2 कब बच्चों को अपने घर से निकाल सकते हैं माता-पिता?                  माता-पिता जब तक चाहें बालिग बच्चे उनके साथ घर में रह सकते हैं. 2016 में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक आदेश सुनाया था. इसमें अदालत ने कहा था कि बेटा केवल माता-पिता की मर्जी से ही उनके घर में रह सकता है. माता-पिता न चाहें तो उसे उनके घर में रहने का कानूनी हक नहीं है. भले ही उसकी शादी हुई हो या न हुई हो.    @3                बच्चे गाली-गलौज करते हैं तो माता-पि...
    मृत्यु के बाद वसीयत कितने समय के लिए वैध होती है ?   @1            @1                                                      वसीयत वसीयतकर्ता की चल और अचल दोनों संपत्तियों के बारे में उसकी मंशा की कानूनी घोषणा है। वसीयत का प्रवर्तन हमेशा वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद होता है और यदि वसीयतकर्ता की संपत्ति उसकी मृत्यु से पहले बिखर जाती है तो उस दस्तावेज़ को वसीयत के रूप में नहीं जाना जाता है। क्या मृत्यु के बाद की वैधता को अदालत के समक्ष चुनौती दी जा सकती है लेकिन एक निश्चित समय अवधि में। इसलिए मृत्यु के बाद की वैधता काफी महत्वपूर्ण है। @2 क्या मृत्यु के बाद वसीयत की वैधता होगी ? वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद एक वसीयत लागू की जानी है। वसीयत का मूल उद्देश्य वसीयतकर्ता की वसीयत को उसकी संपत्तियों और अन्य संपत्तियों के संबंध में लागू करना है। एक वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद वसीयत की वैधता को भी चुनौती दी जा सकती ह...