संपत्ति पर कब्जा करने वाला उसका मालिक नहीं हो सकता // #1
pratikul kabja
adverse possession
सुप्रीम कोर्ट...
ने एक फैसले में व्यवस्था दी है कि किसी संपत्ति पर अस्थायी कब्जे करने वाला व्यक्ति उस संपत्ति का मालिक नहीं हो सकता। साथ ही टाइटलधारी भूस्वामी ऐसे व्यक्ति को बलपूर्वक कब्जे से बेदखल कर सकता है, चाहे उसे कब्जा किए 12 साल से अधिक का समय हो गया हो।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ऐसे कब्जेदार को हटाने के लिए कोर्ट की कार्यवाही की जरूरत भी नहीं है। कोर्ट कार्यवाही की जरूरत तभी पड़ती है जब बिना टाइटल वाले कब्जेधारी के पास संपत्ति पर प्रभावी/ सेटल्ड कब्जा हो जो उसे इस कब्जे की इस तरह से सुरक्षा करने का अधिकार देता है जैसे कि वह सचमुच मालिक हो। #2
फैसले में कहा कि कोई व्यक्ति जब कब्जे की बात करता है तो उसे संपत्ति पर कब्जा टाइटल दिखाना होगा और सिद्ध करना होगा कि उसका संपत्ति पर प्रभावी कब्जा है। लेकिन अस्थायी कब्जा (कभी छोड़ देना कभी कब्जा कर लेना या दूर से अपने कब्जे में रखना) ऐसे व्यक्ति को वास्तविक मालिक के खिलाफ अधिकार नहीं देता।
कोर्ट ने कहा प्रभावी कब्जे का मतलब है कि ऐसा कब्जा जो पर्याप्त रूप से लंबे समय से हो और इस कब्जे पर वास्तविक मालिक चुप्पी साधे बैठा हो। लेकिन अस्थायी कब्जा अधिकृत मालिक को कब्जा लेने से बाधित नहीं कर सकता। #3
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