CRPC, की धारा-125 के तहत //
पत्नी गुजारे भत्ते की मांग
कब कर सकती है।
#1
कहां होगा केस दर्ज
maintenance to wife under section 125 crpc
CRPC, की धारा-125 के तहत
इस कानून के तहत अगर महिला को पति ने खर्चा नहीं दिया तो वह इसे पाने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है।
- अगर उसके साथ मारपीट की गई है तो वह अलग रहकर गुजारा भत्ता मांग सकती है। महिला के पति ने अगर दूसरी महिला को अपने साथ रख लिया हो तो भी वह अलग रहकर गुजारा भत्ता मांग सकती है।हिंदू अडॉप्शन ऐंड मेंटेनेंस ऐक्ट की धारा-18 के तहत भी अर्जी दाखिल की जा सकती है।
#2
- घरेलू हिंसा कानून के तहत भी गुजारा भत्ता की मांग पत्नी कर सकती है।हिंदू अडॉप्शन ऐंड मेंटेनेंस ऐक्ट की धारा-18 के तहत भी अर्जी दाखिल की जा सकती है।
- घरेलू हिंसा कानून के तहत भी गुजारा भत्ता की मांग पत्नी कर सकती है।
अगर पति और पत्नी के बीच तलाक का केस चल रहा हो तो वह हिंदू मैरिज ऐक्ट की धारा-24 के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है। #3
पति-पत्नी में तलाक हो जाए तो तलाक के वक्त जो मुआवजा रकम तय होती है, वह भी पति की सैलरी और उसकी जमा की हुई प्रॉपर्टी के आधार पर ही तय होती है। कैसे होगी पेमेंट
- हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-25 के तहत तलाक के वक्त एकमुश्त या महीने के हिसाब से गुजारा भत्ता दिए जाने का प्रावधान है। #4
और भी हैं कानूनी रास्ते
- अगर महिला ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा रखा है या फिर तलाक की अर्जी दाखिल कर रखी है या किसी और कारण से पति से अलग रहने को मजबूर है, तो वह सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ता के लिए कोर्ट से गुहार लगा सकती है।
सीआरपीसी की धारा-125 के तहत महिला खुद के लिए और बच्चों के गुजारे के लिए भत्ता मांग सकती है।
धारा-125 के तहत वह महिला भी गुजारा भत्ता मांग सकती है जिसके बच्चे उसका भरण पोषण नहीं करते। इस कानून के तहत पीड़ित पक्ष उस इलाके में अर्जी दाखिल कर सकते हैं, जहां वह रहते हैं।
अगर पति ने धर्म बदल लिया हो तो वह गुजारा भत्ता के लिए गुहार लगा सकती है।
- कोई भी ऐसा कारण, जिसकी वजह से महिला को अलग रहने के लिए मजबूर होना पड़े, वह गुजारा भत्ता के लिए धारा-18 के तहत अर्जी दाखिल कर सकती है। साथ ही केस पेंडिंग रहने के दौरान भी अर्जी दाखिल कर गुजारा मांग सकती है। #5
पति को भी भत्ते का हक
हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 24 और सीआरपीसी की धारा-125 के तहत पति या पत्नी (किसी भी धर्म के), दोनों में से किसी को भी एकमुश्त भत्ता मिल सकता है। गुजारा भत्ता किसे मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
#6
thank you
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