GIFT DEED
गिफ्ट डीड बनाने में इन बातों का रखें ध्यान
#1
गिफ्ट जिनमें अचल संपत्ति शामिल होती है, उन्हें ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत पंजीकृत कराना पड़ता है.
इन बातों का रखें ध्यान
1. नाबालिग कानूनी रूप से मान्य कोर्इ कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर सकते हैं. इसलिए वे मान्य गिफ्ट डीड नहीं बना सकते हैं. नाबालिग के अभिभावक उसकी ओर से गिफ्ट स्वीकार कर सकते हैं.
2. एक बार गिफ्ट डीड के तहत गिफ्ट दे देने पर उसे रद्द नहीं किया जा सकता है.
3. आयकर कानून के तहत रिश्तेदार से मिले गिफ्ट पर टैक्स से छूट मिलती है.
#2
गिफ्ट डीड एक तरह का दस्तावेज है. किसी को गिफ्ट या तोहफा देते वक्त इसे बनवाया जाता है. इससे गिफ्ट देने और इसे लेने वाले के पास इसका रिकॉर्ड रहता है. कानूनी भाषा में गिफ्ट देने वाले को डोनर और पाने वाले को डोनी कहते हैं.
कोर्इ एसेट गिफ्ट करने में गिफ्ट डीड बनवाना जरूरी नहीं है. यह जरूर है कि इससे वैध दस्तावेजी रिकॉर्ड तैयार हो जाते हैं. गिफ्ट कोर्इ चल या अचल प्रॉपर्टी भी हो सकती है. #3
गिफ्ट डीड का मसौदा तैयार करते हुए क्या करें
किसी को तोहफा अपनी इच्छा से दिया जाता है. इसलिए गिफ्ट डीड में इस बात का साफ उल्लेख होना चाहिए कि इसे बिना किसी जोर-जबर्दस्ती के बनाया गया है. दानदाता पूरे होश हवास में अपनी इच्छा से गिफ्ट दे रहा है. #4
गिफ्ट स्वीकार करने का हो उल्लेख
दूसरा चरण है डोनी का तोहफा स्वीकार करने का. वह तोहफे को स्वीकार कर रहा है, इसका उल्लेख गिफ्ट डीड में होता है. हस्ताक्षर के साथ वह इसे मंजूरी देता है. इसमें एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि तोहफे को दान देने वाले के जीवित रहते हुए स्वीकारा जाना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर तोहफे को मान्य नहीं माना जाएगा.
गिफ्ट जिनमें अचल संपत्ति शामिल होती है, उन्हें ट्रांसफर आफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत पंजीकृत कराना पड़ता है. गिफ्ट डीड के पूरा न हो जाने तक पाने वाले को टाइटल ट्रांसफर नहीं किया जाता है. गिफ्ट की कीमत के आधार पर स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है. अधिकृत वैल्यूएशन एक्सपर्ट अचल संपत्ति के उचित मूल्य का निर्धारण करते हैं.
#5
thank you
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