प्रायद्वीपीय पर्वत:
1. विन्ध्याचल पर्वत
यह पर्वतमाला में गुजरात से लेकर पूर्व उत्तर-प्रदेश तक जाती है। विन्ध्याचल पर्वत ही उत्तर व दक्षिण भारत को स्पष्ट रूप से अलग करता है। इसकी औसत ऊंचाई 200 मीटर है।
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2. सतपुड़ा पर्वत
सतपुड़ा पश्चिम में राजपीपला से आरम्भ होकर छोटा नागपुर के पठार तक विस्त्र्त है।
महादेव और मैकाल पहाड़ियाँ भी इस पर्वतमाला का हिस्सा है। 1350 मी ऊंचा धूपगढ़ चोटी इसकी सबसे ऊंची चोटी है।
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3. पूर्वी घाट
इसकी औसत ऊंचाई 615 मीटर है ओर यह श्रेणी 1300 किलोमीटर लम्बी है। इस शष्ंखला की सबसे ऊंची चोटी महेंद्रगिरि (1501 मीटर) है। पूर्वी घाट के अंतर्गत दक्षिण से उत्तर की ओर पहाड़ियों को पालकोंडा, अन्नामलाई, नावादा और षिवराय की पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है।
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4. पश्चिमी घाट या सह्याद्रि
इसकी औसत ऊंचाई 1200 मीटर है और यह पर्वतमाला 1600 किमी लम्बी है। इस श्रेणी में दो प्रमुख दर्रे हैं - थालघाट जो नासिक को मुम्बई से जोड़ता है और भोरघाट। तीसरा दर्रा पालघाट इस श्रेणी के दक्षिणी हिस्से को मुख्य श्रेणी से अलग करता है।
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5. अरावली पर्वत
यह राजस्थान से लेकर दिल्ली के दक्षिण पश्चिम तक विस्त्रत है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 880 किमी है। ये विश्व के सबसे पुराने पर्वत हैं। गुरु शिखर (1722 मीटर) इनकी सबसे ऊंची चोटी है। इस पर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउण्ट आबू स्थित है।
प्रायद्वीप पर्वतों की सबसे ऊंची चोटी अन्नाईमुड़ी, अन्नामलाई पहाड़ियों में स्थित है। सुदूर-दक्षिण में काडोमम की पहाड़ियाँ हैं।
6. नीलगिरि या नीले पर्वत
नीलगिरि की पहाड़ियाँ, पश्चिम घाट व पूर्वी घाट की मिलन स्थली है।
नीलगिरि की सबसे ऊंची चोटी दोद्दाबेटटा है।@5
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