बुधवार, 28 जून 2023

हिन्दू विवाह अधिनियम - धारा 9, दाम्पत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन.....

 हिन्दू विवाह अधिनियम -  धारा 9, दाम्पत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन...@1

विवरण

जबकि पति या पत्नी में से किसी ने युक्तियुक्त प्रतिहेतु के बिना दूसरे से अपना साहचर्य प्रत्याहत कर लिया है, तब परिवेदित पक्षकार दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिये याचिका द्वारा आवेदन जिला न्यायालय में कर सकेगा और न्यायालय ऐसी याचिका में किये गये कथनों की सत्यता के बारे में और बात के बारे में आवेदन मंजूर करने का कोई वैध आधार नहीं है; अपना समाधान हो जाने पर तदनुसार दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिए आज्ञप्ति देगा।

@2 स्पष्टीकरण - 

जहाँ प्रश्न यह उठता है कि क्या साहचर्य से प्रत्याहरण के लिए युक्तियुक्त प्रतिहेतु है, वहाँ युक्तियुक्त प्रतिहेतु साबित करने का भार उस व्यक्ति पर होगा जिसने साहचर्य से प्रत्याहरण किया है।

@3

READ   MORE----


1}गिफ्ट(Gift) की गई संपत्ति के स्वामित्व के लिए स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान का महत्व?

2}Stay Order का क्या मतलब होता है? प्रॉपर्टी पर स्थगन आदेश क्या होता हैं? प्रॉपर्टी के निर्माण पर स्थगन आदेश कैसे होता है ?

3}क्यों जरूरी है नॉमिनी? जानें इसे बनाने के नियम और अधिकार

4} Deaf and Dumb पीड़िता के बयान कैसे दर्ज होना चाहिए। Bombay High Court

5}क्या दूसरी पत्नी को पति की संपत्ति में अधिकार है?

6}हिंदू उत्तराध‌िकार अध‌िनियम से पहले और बाद में हिंदू का वसीयत करने का अध‌िकार

7}निःशुल्क कानूनी सहायता-

8}संपत्ति का Gift "उपहार" क्या होता है? एक वैध Gift Deed के लिए क्या आवश्यक होता है?


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spam link in the comment box.

Powered By Blogger

  20 वास्तु टिप्स : धन एवं सुख - शांति हेतु ऐसे बनाएं अपना आशियाना ... @1- बढ़ती महंगाई व धन की कमी मकान बनाने वाले को ...